हनुमान का अमोघ मंत्र

साक्षात् हनुमान जी के दर्शन पाने के लिए करें इस अमोघ मंत्र का जाप

हनुमान का अमोघ मंत्र – हनुमान जी को चिरंजीवी‍  कहा जाता है।

हनुमान जी को स्‍वयं श्रीराम और देवी सीता ने यह वरदान दिया था।

माना जाता है कि आज भी धरती पर हनुमान जी जीवित हैं और पृथ्‍वी की रक्षा कर रहे हैं। कहते हैं कि हनुमान जी अब हिमालय क जंगलों में रहते हैं। मान्‍यता है कि भक्‍तों की सहायता के लिए हनुमान जी सदा तैयार रहते हैं लेकिन किसी को भी दिखाई नहीं देते। लेकिन शास्‍त्रों में हनुमान का अमोघ मंत्र बताया गया है जिसका जाप करने से हनुमान जी साक्षात् प्रकट हो जाते हैं।

ये है हनुमान का अमोघ मंत्र

कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्‍णु, निर्मुक्‍तेर कालेत्‍वम अमरिष्‍णु।

इस मंत्र के जाप से आपको हनुमान जी के दर्शन होंगें किंतु सिर्फ इस मंत्र का जाप ही नहीं करना है बल्कि कुछ और भी करना है।

हनुमान जी के दर्शन पाने का यह मंत्र तभी फल देता है जब साधक इन दो शर्तों को पूरा करे।

पहली शर्त

हनुमान का अमोघ मंत्र तभी कारगर सिद्ध होता है तब भक्‍त को हनुमान जी के साथ अपने संबंध के बारे में पता हो। अर्थात् अगर आप निस्‍वार्थ भाव से अमोघ मंत्र का जाप कर रहे हैं तो आपको उस दिन कोई भी अनिष्‍ट या गलत कार्य नहीं करना है।

दूसरी शर्त

हनुमान जी के दर्शन पाने के लिए दूसरी शर्त यह है कि जब कभी भी हनुमान का अमोघ मंत्र का जाप किया तो आपके 980 मीटर तक की दूरी पर कोई भी मनुष्‍य उपस्थि‍त न हो।

पौराणिक कथाओं और ग्रंथों के अनुसार पिदुरु पर्वत के जंगलों में रहने वाले आदिवासियों को हनुमान जी ने स्‍वयं ये अमोघ मंत्र दिया था। कहा जाता है कि उस समय पिदुरु पर्वत में रहने वाले मतंग आदिवासियों ने हनुमान जी की सेवा की थी जिससे प्रसन्‍न होकर हनुमान जी ने उनकी रक्षा के लिए स्‍वयं ये मंत्र उन्‍हें दिया था।

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