मंत्र जाप

इस तरह किए गए मंत्र जाप से ही मिलता है लाभ

मंत्र जाप – मंत्रों का उच्‍चारण करने से एक विशेष तरह का स्‍पंदन उत्‍पन्‍न होता है।

इस स्‍पंदन से शरीर और मन को कई तरह के लाभ प्राप्‍त होते हैं। मनुष्‍य के कान शब्‍दों के कुछ खास किस्‍मों को ही सुन पाते हैं जबकि उससे ज्‍यादा कम आवृत्ति वाली तरंगों को सुनने की क्षमता उसमें नहीं होती है।

मंत्रों की तरंगें काफी सूक्ष्‍म होती हैं जो हमारे चारों और फैल जाती हैं। किंतु मनुष्‍य की योग्‍यता पर निर्भर करता है कि वो इन तरंगों का स्‍वयं में कितना समावेश कर पाता है।

मंत्रों से निकलने वाली आवाज़ में श्रद्धाभाव के साथ-साथ साधक के संकल्‍प की तरंगे भी मिली होती हैं। स्‍थूल ध्‍वनि के अलावा जो तरंगें मंत्र उच्‍चारण से निकलती हैं उन्‍हें हम ग्रहण नहीं कर पाते हैं क्‍योंकि उन्‍हें सुन पाने की क्षमता मनुष्‍य के कानों में नहीं होती है।

शब्‍दों का साम्‍यक संयोजन होते हैं मंत्र। मंत्र उच्‍चारण के लिए इनका सार्थक होना भी बहुत जरूरी है। जो भी व्‍यक्‍ति मंत्र का उच्‍चारण कर रहा है उसे उसके भाव और उद्देश्‍य का पूरा ज्ञान होना आवश्‍यक है।

मंत्र के भाव और अर्थ को जाने बिना उसका जाप करना निरर्थक माना जाता है। इसी कारण ही मंत्र भी मनुष्‍य को सही प्रभाव नहीं दे पाते हैं।

इस त्रुटि के कारण मंत्र का सही प्रभाव नहीं मिल पाता है इसलिए मंत्र जाप से पहले उसके भाव और अर्थ को जरूर समझ लें। अब ज्‍यादातर लोग मंत्र के महत्‍व और उसके भाव को जाने बगैर ही उसका जाप करने लगते हैं जिससे उन्‍हें इसका पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है। वहीं कुछ लोग लोभ और अपनी इच्‍छाओं की पूर्ति के लिए ऊंपरी मन से मंत्र जाप करते हैं। आपको बता दें कि ऐसे किए गए मंत्र जाप से कोई फल प्राप्‍त नहीं होता है।

मंत्रों में असीम शक्‍ति होती है जो आपके जीवन में सकारात्‍मक ऊर्जा भर सकती है। सभी मंत्रों का उच्‍चारण करने का तरीका अलग-अलग होता है और उनसे फल भी अलग मिलता है।

इसलिए अपनी इच्‍छा के अनुसार ही मंत्र चुनें।

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  • Mahendra Joshi

    Om Kreem Krushnaay Namah. Krupa karke is mantra ka bhaav bataye aur ye kisliye jaap kiya jaata hai woh kaaran bataye.