गणेश चतुर्थी के दिन

गणेश चतुर्थी के दिन नहीं करना चाहिए चाँद का दीदार वरना मिलता है ये परिणाम

गणेश चतुर्थी के दिन – गणेश जी के जन्‍मोत्‍सव के रूप में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है।

इस बार 25 अगस्‍त को गणेश चतुर्थी और इसके साथ ही भगवान गणेश 10 दिनों के लिए आपके घर में विराजमान रहेंगें। गणेश भक्‍तों के लिए गणेश चतुर्थी का दिन बेहद खास होता है। भाद्रपद की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को प्रथम पूज्‍य भगवान गणेश का जन्‍म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। इस बारे में एक कथा प्रचलित है।

किवदंती है कि एक बार चंद्रलोक से गणेश जी को भोजन का निमंत्रण आया। जैसा कि सभी जानते हैं कि गणेश जी को मोदक बहुत पसंद हैं इसलिए उनका सारा ध्‍यान मोदक की तरफ ही था।

चंद्रलोक में गणेश जी ने खूब मोदक खाए और आते समय कुछ मोदक अपने साथ भी ले आए। अधिक मोदक होने के कारण उनसे संभाले नहीं गए और उनके हाथ से सारे मोदक गिर गए। इस बात पर चंद्र देव हंस पड़े। स्‍वयं का उपहास उड़ते देख गणेश जी को चंद्र देव पर क्रोध आ गया और उन्‍होंने चंद्र देव को श्राप दे दिया कि उन जीवन में कभी न कभी चोरी का कलंक लग जाएगा और से भी कहा कि आज से तुम काले हो जाओगे।

तभी से माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करने वाले व्‍यक्‍ति पर भी झूठा आरोप लग जाता है। इस कारण भाद्रपद के माह में शुक्‍ल चतुर्थी को चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। किंतु गणेश चतुर्थी का व्रत चंद्रमा को देखकर ही तोड़ा जाता है।

अगर आपने गणेश चतुर्थी के दिन का व्रत रखा है तो आपको चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर अपना व्रत खोलना चाहिए। इस दिन जब चांद नहीं आता तब तक अपना व्रत नहीं खोल सकते हैं। गणेश चतुर्थी में चंद्रमा का बहुत महत्‍व है।

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