भगवान का पूजन

मंदिर नहीं जा सकते तो ऐसे पाये पुण्य !

शास्‍त्रों के अनुसार भगवान का पूजन एवं आराधना करने से मन को शक्‍ति और शांति मिलती है।

धार्मिक स्‍थान या मंदिर जाकर भगवान का पूजन करने से पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है। जिस स्‍थान पर भी आप बैठकर पूजा करते हैं वहां की सकारात्‍मक शक्‍तियां और ऊर्जा आपके मन और शरीर पर सकारात्‍मक प्रभाव डालती हैं। लेकिन आप घर पर भी अपने पूजन स्‍थल में अपने ईष्‍ट देव की पूजा कर सकते हैं।

कई लोग अपनी व्‍यस्‍त जीवनशैली या सामाजिक कारणों की वजह से नियमित मंदिर नहीं जा पाते हैं। आपकी इस दुविधा के निवारण हेतु आज हम आपको एक ऐसा उपाय बतो हैं जिसका लाभ मंदिर जाकर पूजा करने के बराबर ही है।

भगवान का पूजन –

मंदिर का गुंबद

शास्‍त्रों में मंदिर के गुंबद को अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण माना गया है। प्रत्‍येक मंदिर की चोटी या गुंबद पर झंडा लहराता है। इसे मंदिर का पवित्र स्‍थान माना गया है। जब कभी भी आपको कोई मंदिर दिखे तो उसके गुंबद और झंडे को ध्‍यान से देखें। अपनी आंखे बंद कर कुछ सेकेंड के लिए अपने ईष्‍ट देव का नाम लें।

पाप का होता है नाश

पौराणिक ग्रंथों में लिखा है -: शिखर दर्शनम पाप नाशम अर्थात् मंदिर के शिखर यानि गुंबद का दर्शन करने से पाप का नाश होता है। अगर आप मंदिर नहीं जा सकते तो मंदिर के गुंबद के दर्शन ही कर लें। इससे भी आपको पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है।

इसलिए गुंबद होता है ऊंचा

गुंबद के पवित्र और पुण्‍य प्रदान करने के कारण ही यह ऊंचाई पर बना होता है ताकि दूर से भी ये सभी को दिखाई दे। जो लोग किसी कारणवश मंदिर नहीं आ पाते हैं तो दूर से ही मंदिर के गुंबद के दर्शन कर अपना श्रद्धा भाव दिखा सकते हैं।

भगवान का पूजन – अब अगर आपके पास भी मंदिर जाने या पूजा करने का समय नहीं है तो आप मंदिर के शिखर के दर्शन कर के भी पुण्‍य की प्राप्‍ति कर सकते हैं।

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