सात जन्मों का साथ

इस मंदिर में शादी करने से मिलता है सात जन्मों का साथ

सात जन्मों का साथ – आज के समय में रिश्‍ते तोड़ना बड़ा आसान हो गया है लेकिन इसके बावजूद शादी के दिन लिए गए सात फेरों को सात जन्‍मों का बंधन मानते हैं।

अगर आप भी अपने जीवनसाथी के साथ सात जन्मों का साथ चाहते हैं तो आपको महाराष्‍ट्र के इस मंदिर जरूर जाना चाहिए।

महाराष्‍ट्र के दहिसर में एक भाटला देवी मंदिर है।

इस मंदिर के बारे में मान्‍यता है कि जो लोग इस मंदिर में शादी करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का विघ्‍न नहीं आता है। मंदिर के बारे में आस्‍था है कि इस मंदिर में शादी करने से वर-वधू एक जन्‍म के लिए नहीं बल्कि सात जन्‍मों के लिए एक-दूसरे के साथ बंध जाते हैं।

सात जन्मों का साथ – मंदिर से जुड़ी है ये कथा

पुर्तगाल के लोगों द्वारा वसई क्षेत्र के मंदिरों को नष्‍ट किया जाने लगा तो चिमाजी आपा वहां से देवी मां की मूर्ति लेकर दहियर आ गईं और उसे पीपल के पेड़ के नीचे छिपा दिया। पहली बार इस मूर्ति के दर्शन भाटो ने किया था। इसी वजह से इस मंदिर का नाम भाटला देवी पड़ा।

इस मंदिर के आसपास का क्षेत्र काफी विस्‍तृत है। यहां आने वाले भक्‍तों का मानना है कि अगर सच्‍चे और पवित्र मन से देवी मां की आराधना की जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है। इसी आस्‍था और विश्‍वास के साथ इस पावन स्‍थल पर मांगलिक कार्य किए जाते हैं।

अगर आप भी अपने जीवनसाथी के साथ सात जन्मों का साथ चाहते हैं तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करें। भक्‍तों की गहरी आस्‍था है कि इस मंदिर में सात फेरे लेने से सात जन्‍मों का साथ मिलता है। इस खासियत के कारण इस मंदिर में हर समय भक्‍तों की भारी भीड़ लगती रहती है। हर साल यहां पर भक्‍तों और श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।

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