रक्षाबंधन

इस बार सिर्फ पौने तीन घंटे ही मना पायेंगे रक्षाबंधन जिस पर पड़ रहा है ग्रहण का साया !

भाई-बहन के पवित्र बंधन का त्‍योहार रक्षाबंधन इस बार भद्रा व ग्रहण के साए में पड़ रहा है।

सावन के महीने में 7 अगस्‍त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन के त्‍योहार पर ग्रहण लगने से राखी बांधने का शुभ समय सिर्फ 2 घंटे 47 मिनट ही रहेगा।

पूरे देश में खंडगास चंद्रग्रहण लगभग 2 घंटे तक दिखाई देगा। सोमवार को ग्रहण रात 10.53 पर शुरु होकर रात्रि 12.48 पर समाप्‍त होगा। वहीं ग्रहण का सूतक दोपहर 1.53 बजे शुरु हो जाएगा। शास्‍त्रों के अनुसार भद्राकाल और सूतक के दौरान भाइयों को राखी नहीं बांधी जाती है। इसलिए 7 अगस्‍त को सूतक लगने के बाद बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांध सकती हैं। इस ग्रहण से पूर्व 11.05 बजे तक भद्राकाल रहेगा। भद्रकाल और सूतक शुरु होने के मध्‍य 2 घंटे 47 मिनट का शुभ समय है। इस दौरान बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।

प्राकृतिक आपदा का खतरा

रक्षाबंधन के दिन ग्रहण के दौरान मकर राशि में चंद्रमा बैठा होगा जिस पर सूर्य की दृष्टि पड़ रही होगी एवं मंगल और इस पर नीच राशि में बैठे मंगल और शनि की कुदृष्टि पड़ रही होगी। ग्रहों का यह योग अराजकता, चोरी, लूटपाट, अपहरण और फसलों को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन इस ग्रहण के दौरान चालव, तेल और धान्‍य में तेजी आएगी। ग्रहण के प्रकोप से यवन राष्‍ट्रों को नुकसान हो सकता है। यवन राष्‍ट्रो में प्रा‍कृतिक आपदा, आतंक का खतरा बना रहेगा। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों जैसे कश्‍मीर, भूटान और अरुणाचल प्रदेश में भी प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं। राजनीति के लिए भी मुश्किल समय है। 

य‍हां दिखेगा ग्रहण

रक्षाबंधन के दिन पड़ रहा खंडग्रास चंद्रग्रहण भारत के साथ-साथ पूरे एशिया और ऑस्‍ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी भाग, हिंद महासागर और पेसिफिक महासागर में दिखेगा।

नौ साल बाद पड़ रहा है ग्रहण

इससे पहले 16 अगस्‍त, 2008 को रक्षाबंधन के त्‍योहार पर यह खंडग्रास चंदग्रहण पड़ा था। पूरे नौ साल के बाद रक्षाबंधन और चंद्रग्रहण का संयोग बन रहा है।

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