पितृ दोष

कुंडली में पितृ दोष हो तो जीवन में आती हैं ये परेशानियाँ !

अगर आपके घर में हमेशा परेशानियां बनी रहती हैं और पारिवारिक कलह रहती है तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है।

लाख पूजा-पाठ करने के बाद भी समस्‍याओं से छुटकारा न मिलना भी इसकी एक वजह है।

कुंडली के नौवें भाव में सूर्य और राहु एकसाथ बैठे हों तो उस जातक की कुंडली में पितृ दोष बनता है। ज्‍योतिष के अनुसार सूर्य और राहु जिस भी भाव में बैठते हैं तो उस भाव के सभी फल नष्‍ट हो जाते हैं। नौवें भाव को पिता का घर भी कहा जाता है इसलिए इस भाव में खराब ग्रहों के होने पर यह पूर्वजों की अधूरी इच्‍छाओं का सूचक है। इसे पितृदोष कहा जाता है।

क्‍या है कारण

अगर किसी व्‍यक्‍ति के द्वारा किसी सत्‍पुरुष, बाह्मण या कुलगुरु का अनादर किया गया हो तो उसे पितृ दोष लगता है। गोहत्‍या और पितरों को जल अर्पित न करना भी इस दोष का मुख्‍य कारण है।

अब जानते हैं कि जब पितृ आपसे नाराज़ होते हैं तो आपके जीवन में किस तरह की परेशानियां आती हैं -:

– अगर आप पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की विधि-विधानपूर्वक पूजा नहीं करते या उनका आवाह्न कर आमंत्रित नहीं करते तो वो आपसे नाराज़ हो जाते हैं। इस कारण पैसों की तंगी होने लगती है।

– पितृ पक्ष में रोज़ाना सुबह उठकर अपने पूर्वजों का तर्पण न किया जाए तो इससे घर की खुशियां नष्‍ट होती हैं।

– यदि आपको संतान सुख नहीं मिल पा रहा है तो आपकी कुंडली में पितृ दोष हो सकता है।

– पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी भी पितृ दोष के कारण ही होती है।

– कोर्ट-कचहरी और कानूनी मामलों में फंसे रहना भी पितृ दोष की वजह से होता है।

– अगर आपकी बेटी के विवाह में देरी आ रही है और आपको इसके पीछे का कारण समझ नहीं आ रहा तो आपकी कुंडली में पितृ दोष हो सकता है।

– सेहत ठीक नहीं रहती तो भी आपको पितृ दोष हो सकता है।

पितृ दोष के कारण आपका जीवन बर्बाद हो सकता है इसलिए इससे मुक्‍ति पाने के लिए गरीबों एवं जरुरतमंदों को वस्‍त्र एवं अन्‍न का दान करें। इसके अलावा नियमित 21 सोमवार तक प्रात: नंगे पैर शिव मंदिर जाएं और आक के 21 फूल, कच्‍ची लस्‍सी और बिल्‍व पत्र से भगवान शिव की पूजा करें।

 

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