पुखराज रत्‍न

पति का प्‍यार पाने में आपकी मदद करेगा ये रत्न !

पति-पत्‍नी का रिश्‍ता बहुत नाज़ुक और प्रेम से परिपूर्ण होता है।

समाज में किसी भी स्‍त्री का जीवन पति सुख के बिना अधूरा समझा जाता है। पति के संरक्षण में ही एक स्‍त्री स्‍वयं को सुरक्षित समझती है। इस पवित्र रिश्‍ते में आपसी प्रेम के साथ-साथ विश्‍वास का होना भी बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार बिना किसी कारण के ही पति-पत्‍नी के बीच खटपट होने लगती है। वैवाहिक जीवन में अशांति का कारण कई बार बृहस्‍पति की कमज़ोर स्थिति भी होती है।

अगर आपकी कुंडली में गुरु पीडित, अशुभ स्‍थान या कमज़ोर स्थिति में है तो आपके वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां आती हैं।

स्त्रियों के जीवन में पति सुख का कारक बृहस्‍पति होता है इसलिए कुंडली या हाथों की रेखा में अशुभ बृहस्‍पति के कारण पति सुख में कमी आती है।

क्‍या है उपाय

अगर आपकी कुंडली में गुरु कमज़ोर है और इस वजह से आपको अपने पति से प्रेम नहीं मिल पा रहा है तो आपको पुखराज रत्‍न धारण करने से लाभ होगा। अगर कुंडली में गुरु नीच का हो तो गुरु से संबंधित वस्‍तुओं का दान करें।

पुखराज रत्‍न के लाभ

– गुरु का रत्‍न पुखराज धारण करने से भाग्‍य में वृद्धि होती है। इसे भाग्‍य को बढ़ाने वाला रत्‍न कहा जाता है।

– माना जाता है कि पुखराज रत्‍न को धारण करने वाले व्‍यक्‍ति के घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता है। उसके ऊपर सदा मां लक्ष्‍मी का आशीर्वाद बना रहता है।

– अगर किसी बच्‍चे को पढ़ाई में दिक्‍कत आ रही है या उसका दिमाग कमज़ोर है तो उसे पुखराज रत्‍न अवश्‍य धारण करना चाहिए।

– पुखराज रत्‍न धारण करने से मान-सम्‍मान में भी वृद्धि होती है।

– निसंतान दंपत्तियों को भी पुखराज रत्‍न पहनने से लाभ होता है। अगर किसी का बार-बार गर्भपात हो रहा है या किसी और वजह से गर्भ की हानि हो रही है तो पुखराज रत्‍न धारण करने से आपकी ये परेशानी दूर होती है।

कैसे करें पुखराज रत्‍न धारण

पुखराज गुरु का रत्‍न है इसलिए इसे गुरुवार के दिन ही धारण करना शुभ रहता है। आप इसे तर्जनी अंगुली यानि इंडेक्‍स फिंगर में सोन में जड़वाकर पहन सकते हैं।

सोने में पुखराज धारण करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। अगर सोने में इस रत्‍न को नहीं जड़वा सकते तो आप चांदी या पंचधातु में भी पुखराज को पहन सकते हैं।

गुरु विवाह का कारक है इसलिए गुरु का यह रत्‍न विवाह संबंधी सभी मुश्किलों को दूर करता है। अगर किसी स्‍त्री को पति सुख नहीं मिल पा रहा है या किसी कन्‍या के विवाह में देरी आ रही है तो उसे पुखराज रत्‍न अवश्‍य धारण करना चाहिए किंतु ध्‍यान रहे इस रत्‍न धारण करने से पूर्व किसी अनुभवी ज्‍योतिषी से कुंडली का अध्‍ययन जरूर करवा ले।

बिना ज्‍योतिषी सलाह के पुखराज रत्‍न धारण करने से आपको फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है, इसलिए ध्‍यान रखें।

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