शनि जयंती

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन जरूर करें ये साधना

25 मई, 2017 को ज्‍येष्‍ठ अमावस्‍या के दिन शनि जयंती मनाई जाएगी।

इस शुभ दिन पर शनि देव की विशेष आराधना की जाती है। मान्‍यता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं। इस दिन शनि को प्रसन्‍न करने के लिए अनेक मंत्रों और स्‍तोत्रों का जाप किया जाता है। जीवन और ज्‍योतिष शास्‍त्र में शनि का बहुत महत्‍व है। शनि को न्‍याय का देवता कहा गया है जो न्‍यार करते समय किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतते हैं। शनि जयंती पर शनि देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्‍ति होती है।

आज हम आपको शनि जयंती पर करने वाले महत्‍वपूर्ण उपायों के बारे में बता रहे हैं। शनि जयंती के दिन इन उपायों को करने से आपकी सारी मुश्किलें और कष्‍ट दूर होंगें। तो चलिए जानते हैं कि किस तरह शनि जयंती के दिन शनि देव आपकी किस्‍मत बदल सकते हैं।

– जब कुंडली में शनि खराब स्थिति में या नीच स्‍थान में बैठा होता है तो जातक कई तरह की बीमारियों से ग्रस्‍त रहता है। इस दौरान किया गया हर काम गलत परिणाम देता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है तो आपको शनि जयंती के दिन शनि शांति साधना करनी चाहिए। सही तरीके से शनि साधाना करने पर शनि का कुप्रभाव कम होता है।

शनि जयंती

तो चलिए जानते हैं कि शनि शांति साधना का सही तरीका क्‍या है।

ये साधना सिर्फ एक दिन के लिए शनि जयंती के दिन ही होती है इसलिए शनि को शांत करने के लिए आपको ये साधना कल ही करनी होगी।

शनि जयंती के दिन प्रात:काल स्‍नान के बाद साफ कपड़े पहनकर मंदिर के सामने काले रंग के आसन पर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। अब अपने दाएं हाथ में जल लेकर उसमें कुमकुम, अखत, फूल लेकर अपना, अपने पति का और पिता के नाम के साथ-साथ अपने गौत्र और स्‍थान का नाम लेकर ‘शनि शांति साधना विधान करिष्‍यामी’ कहते हुए जल को पास किसी थाली में डाल दें। ऐसा करके आपने इसका संकल्‍प लिया है।

कैसे करें शनि की पूजा

चौकी पर काले रंग का वस्‍त्र बिछाकर उस पर एक थाली रखें और इस पर कुमकुम से ऊं शं शनैश्‍चराय लिखकर काले तिल की तीन ढेरी बनाकर उस पर पुरुषाकर शनि यंत्र, शनि मंत्र से वेष्ठित खाली ताबीज़, शनि यंत्र लॉकेट और काले हकीक की माला को स्‍थापित करें। अब घी का दीया प्रज्‍जवलित करें।

– थाली में रखी सभी चीज़ों को शुद्ध जल या गंगाजल से शुद्ध करने के बाद पंचामृत से स्‍नान करवाएं। अब यंत्र, ताबीज़ और लॉकेट को शुद्ध जल से स्‍नान करवाएं। थाली में इन सभी को वापिस स्‍थापित कर दें। इसके पश्‍चात् कुमकुम, अक्षत और पुष्‍पों से पूजा करें और शनि देव को प्रसाद का भोग लगाएं।

शनि देव को प्रसन्‍न करने के लिए शनि जयंती का दिन बेहद खास है। अगर आप शनि की साढेसाती या ढैय्या से भी गुज़र रहे हैं तो आपको शनि जयंती के दिन ये शनि शांति साधना अवश्‍य करनी चाहिए।

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