ॐ के जाप

विज्ञान भी मानता है ॐ के जाप से कई मुसीबतें होती हैं दूर

ॐ के जाप – हिंदू धर्म और शास्‍त्रों में कई मंत्रों का वर्णन किया गया है लेकिन सभी मंत्रों में से सर्वोपरि है ऊं का उच्‍चारण।

शास्‍त्रों में उल्लिखित है कि ॐ के बिना कोई भी मंत्र-अनुष्‍ठान पूर्ण नहीं हो सकता। मान्‍यता है कि इस अति सूक्ष्‍म मंत्र में ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश की शक्‍ति समाई हुईं हैं। यहां त‍क कि विज्ञान ने भी ऊं की शक्‍ति को स्‍वीकार किया है।

कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि ॐ के जाप से मनुष्‍य का तन और मन दोनों की स्‍वस्‍थ रहते हैं।

– वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है कि ॐ के जाप से कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है और मानसिक शांति की प्राप्‍ति होती है। ऊं के उच्‍चारण से थाइराइड ग्रंथि में कंपन होता है जिससे गले संबंधी कर्इ रोग मिट जाते हैं। अगर आपको थायराइड रोग है तो आप ऊं मंत्र का उच्‍चारण जरूर करें। ये कई तरह से आपको फायदा पहुंचाता है।

– ॐ के जाप करने से आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है। अगर आपको घबराहट महसूस होती है तो आंखें बंद करके 5 बार गहरी सांस लेते हुए ॐ का उच्‍चारण करें। इस मंत्र के उच्‍चारण से मन को शक्‍ति मिलती है।

– मनुष्‍य के शरीर में तनाव के कारण कई बीमारियां उत्‍पन्‍न होने लगती हैं। ऐसे में विधिपूर्वक ॐ का उच्‍चारण करने से तनाव दूर होता है। तनाव ही सभी रोगों का मूल कारण होता है इसलिए अगर इसे दूर कर दिया तो सारे रोग अपने आप ही दूर हो जाएंगें।

– ॐ का संबंध मस्‍तिष्‍क के साथ-साथ ह्रदय से भी होता है इसलिए ऊं का उच्‍चारण करने से रक्‍त प्रवाह बेहतर होता है और यह ह्रदय को भी दुरुस्‍त रखता है।

– आयुर्वेद के अनुसार यदि मानव शरीर में पाचन मंत्र दुरुस्‍त रहता है तो वह अनेक रोगों से सुरक्षित रह पाता है। ॐ के जाप करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है। स्‍वस्‍थ जीवन का मूल मंत्र ऊं ही है।

– शायद आप जानते नहीं होंगें कि ऊं ऊर्जा का असीम भंडार है और य‍ह मन को प्रसन्‍न और शांत रखने के साथ-साथ शरीर में युवावस्‍था वाली स्‍फूर्ति का संचार करता है।

– शरीर हो या मन, एक समय के बाद दोनों ही थक जाते हैं और ऐसे में इन्‍हें ऊर्जा की जरूरत होती है। ऊं का जाप करने से मन और तन की थकान दूर हो जाती है और ये तरोताजा हो जाते हैं। थकान को मिटाने के लिए ऊं से बेहतर उपाय और कोई नहीं है।

– रीढ़ की हड्डी मात्र शरीर को स्‍वस्‍थ ही नहीं रखती बल्कि ये चेतना का भी वाहक है। यह वह स्‍थान है जहां ऊर्जा चक्र स्थित होते हैं। ॐ के जाप से शरीर में कंपन पैदा होता है जो रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है। इसलिए रीढ़ की हड्डी को स्‍वस्‍थ रखने के लिए ऊं का उच्‍चारण करना जरूरी है।

अगर आप अपने तन और मन को स्‍वस्‍थ रखना चाहते हैं तो दिन के किसी भी समय ॐ के जाप जरूर करें।

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