सिक्स्थ सेंस

ये लक्षण बताते हैं कि आपका सिक्स्थ सेंस कर रहा है अच्छी तरह से काम !

सिक्स्थ सेंस यानी छठी इंद्रिय का जाग्रत होना किसी भी व्यक्ति को दूसरों से खास बनाता है हालांकि जिस व्यक्ति का सिक्स्थ सेंस जाग्रत होता है उसे भी अपनी इस खूबी का पता नहीं चल पाता है.

सिक्स्थ सेंस यानी किसी भी घटना के घटित होने से पहले उसका पूर्वाभास हो जाना. जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते है जो यह कहते है कि उनके ज्यादातर सपने सच साबित होते हैं.

दरअसल शास्त्रों में छठी इंद्रिय को देव मानव से जोड़कर देखा गया है और आध्यात्मिक नजरिए से इसे दूरदर्शी दृष्टि से भी जोड़ा जाता है.

शास्त्रों के अनुसार आज हम आपको कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप भी यह जान सकते हैं कि आपकी छठी इंद्रिय यानी सिक्स्थ सेंस कितना काम कर रहा है.

1- भीड़ भरे माहौल में घुटन 

जो व्यक्ति पहले से मिलनसार और सक्रिय था अचानक उसे भीड़ भरे माहौल और आसपास के लोगों के बीच रहने में घुटन महसूस होने लगे तो यह समझ लीजिए कि यह आप अपने सिक्स सेंस जाग्रत होने की पहली अवस्था में हैं. ऐसे में व्यक्ति अपने आप को सामाजिक रिश्तों से दूर रखना पसंद करता है.

2- मानसिक क्षमता में बढ़ोत्तरी

दूसरे संकेत के मुताबिक सिक्स्थ सेंस जाग्रत होने पर व्यक्ति के मानसिक क्षमता और जागरुकता में अचानक वृद्धि होने लगती है. ऐसे में व्यक्ति दूसरों के मन के विचारों और भावनाओं को पढ़ने और समझने की क्षमता बढ़ जाती है.

3- अत्यधिक संवेदनशील होना

तीसरे संकेत के मुताबिक सिक्स्थ सेंस जाग्रत होने पर व्यक्ति में नई भावना या अत्यधिक संवेदनशीलता घर कर लेती है. ऐसे में जो लोग पहले उनके करीब हुआ करते थे उन्हें बर्दाश्त करने में परेशानी होने लगती है. लेकिन वो व्यक्ति ये नहीं समझ पाता है कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है.

4- खुद को निष्क्रिय महसूस करना

अगर आप खुद को काफी समय तक निष्क्रिय महसूस करते हैं और ज्यादा से ज्यादा अकेले रहना चाहते हैं तो समझ लीजिए कि आपका सिक्स्थ सेंस जाग्रत है. क्योंकि यह आपके दिमाग की चेतना को निचले स्तर से ऊंचे आयाम पर ले जा रहा है ऐसे में निष्क्रियता महसूस होती है.

5- सताती है अंजाने भय की चिंता

अगर आपके दिमाग में हमेशा खुद के साथ-साथ दूसरों के अस्तिस्व के मिट जाने का डर सताता रहता है तो समझ लीजिए कि आपका सिक्स्थ सेंस अच्छे से काम कर रहा है.

6- सताने लगता है पागल होने का डर

अगर आप किसी बात को सोच-सोचकर परेशान होते हैं और आपको ऐसा लगता है कि कहीं आप पागल तो नहीं हो जाएंगे. तो यह भी एक संकेत है कि आपका सिक्स्थ सेंस जाग्रत हो चुका है. ऐसे में अक्सर इंसान की मनोदशा नियंत्रण से बाहर होने लगती है.

7- निराशा और हताशा का अहसास

अगर आप किसी परिस्थिति या हालात को याद करते ही खुद को निराश और हताश महसूस करते हैं तो ये संकेत है कि आपकी छठी इंद्रिय जाग्रत है. ऐसे में आपको धैर्य के साथ-साथ शरीर से पुरानी ऊर्जाओं के मुक्त होने का इंतजार करना चाहिए.

8- बार-बार नींद का खुलना

कहते हैं कि इंसान का दिमाग दिन के बजाय रात में ज्यादा सक्रिय रहता है. ऐसे में अगर किसी का सिक्स्थ सेंस जाग्रत है या हो रहा है तो फिर इसका असर उसकी नींद पर देखने को मिलता है. ऐसे व्यक्ति को रात में सोने में परेशानी होती है या फिर रात में सोते वक्त बार-बार उसकी नींद खुल जाती है.

9- भूख और वजन का बढ़ना

जब सिक्स्थ सेंस जाग्रत होता है तो इस प्रक्रिया के दौरान शरीर को अधिक ऊर्जा की जरूरत पड़ती है. ऐसे में व्यक्ति को बार-बार भूख लगती है जिससे अचानक वजन भी बढ़ने लगता है.

10- अदृश्य शक्तियों को देखने की क्षमता

आमतौर पर लोग ना दिखनेवाली नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियों के अस्तित्व से बिल्कुल अंजान होते हैं. ये शक्तियां आम इंसान को दिखाई नहीं देती है लेकिन जिनका सिक्स्थ सेंस काम कर रहा है वो आत्मा, देव या स्वर्गदूत जैसी अदृश्य शक्तियों से बात करने या उन्हें महसूस करने में सक्षम होते हैं.

दरअसल सिक्स्थ सेंस जाग्रत होने की एक प्रक्रिया होती है, ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जिनके भीतर यह गुण जन्म से ही होता है जबकि कई मामलों में किसी खास उम्र में जाकर सिक्स्थ सेंस जाग्रत होता है. अगर आपके भीतर भी इनमें से कोई लक्षण नजर आते हैं तो समझ लीजिए कि आपका सिक्स्थ सेंस काम कर रहा है.

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