भगवान गणेश प्रथम पूज्‍य

हर काम से पहले क्यों होता है गणेश जी का ही पूजन !

हिंदू धर्म में भगवान गणेश प्रथम पूज्‍य कहा गया है।

किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक पूजा शुरु करने से पूर्व गणेश जी की आराधना करने का विधान है। भगवान गणेश को सुख-समृद्धि, बुद्धि और भाग्‍य का देवता कहा जाता है। इनके आगमने से घर-परिवार के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं।

लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा है कि करोड़ो देवी-देवताओं में सिर्फ गणेश जी का पूजन सबसे पहले क्‍यों होता है।

आइए जानते हैं भगवान गणेश प्रथम पूज्‍य क्यों है – इसके पीछे छिपे कारण के बारे में।

मान्‍यता है कि भगवान गणेश की पूजा से हर मुश्किल दूर होती है। इसी प्रकार किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का नाम लेने से उस कार्य में आने वाली सभी अड़चनें दूर होती हैं और वो निर्विघ्‍न संपन्‍न होता है।

शिवपुराण में भी पहले गणेश जी के पूजन का कारण बताया गया है। किवदंती है कि एक बार सभी देवताओं में खुद को सर्वश्रेष्‍ठ सिद्ध करने की बहस छिड़ गई थी। तब सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और उनसे अपनी मुश्किल को सुलझाने का निवेदन किया।

तब देवों के देव महादेव ने सभी देवताओं के समक्ष एक प्रस्‍ताव रखा कि जो भी पृथ्‍वी की परिक्रमा करके सबसे पहले लौटेगा, वही सबसे शक्‍तिशाली होगा और उसी का पूजन सबसे पहले होगा।

सभी देवी-देवता पृथ्‍वी की परिक्रमा करने निकल पड़े। भगवान गणेश अत्‍यंत बुद्धिमान रहे। उन्‍होंने मां पार्वती और भगवान शिव की ही परिक्रमा कर ली और इस प्रकार से प्रतियोगिता भगवान गणेश जीत गए।

तब भगवान शिव ने गणेश जी को वरदान दिया कि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य से पूर्व सबसे पहले उनका पूजन किया जाएगा और जो व्‍यक्‍ति भगवान गणेश का सबसे पहले पूजन करेगा उसके कार्यों के सभी विघ्‍न दूर होंगें।

इस प्रकार भगवान गणेश प्रथम पूज्‍य होने का अधिकार मिला। आज भी किसी भी तरह के कार्य एवं पूजन से पूर्व भगवान गणेश का ही नाम लिया जाता है।

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