मुहूर्त सेवा

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जीवन में हम सभी कुछ ना कुछ नया काम करते ही रहते हैं। कभी हम नई गाड़ी खरीदते हैं तो कभी नये घर में जाने की तैयारी कर रहे होते हैं। इस तरह से हमेशा हमारे जीवन में कुछ ना कुछ तो घटित होता ही रहता है।  सनातन धर्म में बताया गया है कि अगर शुभ कार्य मनुष्य शुभ समय में करे तो इससे वह कार्य अधिक फलदायी हो जाता है। जैसे कि आप किसी एक बंजर जमीन पर पेड़ लगाये तो पहले शायद पेड़ उगेगा ही नहीं और यदि उग भी जाता है तो वह फल देने लायक नहीं बन पाता है, वहीं एक उपजाऊ जमीन पर उगाया गया पेड़ खूब सारी छाँव भी देता है और फल भी देता है। कुछ ऐसा ही कार्य मुहूर्त का होता है, अच्छे समय पर किया गया कार्य खूब लाभदायक साबित होता है और वहीं खराब समय पर कार्य करने से व्यक्ति को नुकसान होने लगता है।

असल में होता क्या है कि शुभ मुहूर्त के समय ग्रहों की चला अच्छी होती है। अच्छे ग्रह शक्तिशाली होते हैं और अशुभ ग्रह शांत होते हैं। वहीँ अगर मुहूर्त खराब हो तो उसका उल्टा होता है। मुहूर्त का सामान्य का अर्थ तो वैसे समय से ही है। मुहूर्त मतलब ऐसा अच्छा समय जब आप अपने शुभ कार्य की शुरुआत कर सकें। ज्योतिष विद्या ग्रहों की चला को देखकर शुभ समय निकालती है और तब उस समय में अच्छे कार्य किये जाते हैं।

तो अब आप भी कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो आपको शुभ मुहूर्त में ही अपना कार्य प्रारंभ करना चाहिए। वैसे शास्त्रों में बताया गया है कि देव गुण के लोग शुभ समय में ही अपने सभी कार्य करते हैं और राक्षस गुण वाले अधिकतर अशुभ समय में ही कार्य करते हैं। तो अब अगर आप देव गुण के बनना चाहते हैं या आप देव हैं तो आपको मुहूर्त देखकर ही कार्य करने चाहिए।