नवरात्रे पूजन

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माता के नौ रूपों की पूजा का उत्सव नवरात्रे बोला जाता है.माता के नौ रूपों से अगर कोई व्यक्ति शक्तियां लेना चाहता है तो उसके लिए नवरात्रे के नौ दिन महत्वपूर्ण दिन होते हैं. हिन्दू धर्म की तीन प्रमुख हिंदू देवियों, पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ विभिन्न स्वरूपों की उपासना के लिए निर्धारित किया गया है.माता के इन्हीं रूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है.

नवरात्रे की पूजा का सबसे मुख्य लाभ व्यक्ति को यह होता है कि इन नौ दिनों में यदि कोई व्यक्ति माता के नौ रूपों की पूजा करता है तो इससे उस व्यक्ति के सभी ग्रह सही हो जाते हैं. इसलिए अधिकतर तपस्वी व्यक्ति माता के नौ रूपों की पूजा करते हैं. माता के पहले दिन मंगल ग्रह को शक्ति प्राप्त होती है. दूसरे दिन राहु ग्रह को शान्ति मिलती है.तीसरे दिन बृहस्पति ग्रह को ताकत मिलती है और व्यक्ति को व्यापार में लाभ मिलता है.चतुर्थी के दिन व्यक्ति शनि शान्ति के उपाय कर स्वयं को शनि के अशुभ प्रभाव से बचाता है.नवरात्रे के पांचवे दिन बुध ग्रह को शक्ति प्रदान की जाती है. छठे दिन केतु और इसी तरह से माता के सातवे दिन शुक्र ग्रह को शक्ति मिलती है.अंत के दो दिनों में सूर्य और चन्द्रमा को शक्ति मिलती है.

अब अगर नवरात्रे पूजन से व्यक्ति के नौ ग्रहों को शक्ति मिल जाए तो इसकी वजह से व्यक्ति के जीवन के सभी दुःख आसानी से खत्म हो सकते हैं. यही कारण है कि नवरात्रे की पूजा का भारतवर्ष में इतना महत्त्व बताया गया है.योर फार्च्यून की मदद से आप नवरात्रे पूजन को नौ के नौ दिन आसानी से करा सकते हैं.इस पूजन विधि में कलश स्थापना से लेकर कन्या पूजन तक सभी प्रक्रिया को शामिल किया गया है. निश्चित रूप से यदि आप नवरात्रे पूजन को करा लेते हैं तो आपके जीवन से धन से लेकर शारीरिक कष्ट तक सभी कलेश सप्ताहभर में खत्म हो सकते हैं.