बुद्ध जाप और पूजा

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बुध ग्रह को बुद्धि का देवता माना गया है. कई बार व्यक्ति की कुंडली में बुध देवता नाराज होकर बैठ जाते हैं और तब उस व्यक्ति के बुद्धि के जुड़े हुए सभी काम बिगड़ने लग जाते हैं. बुध देवता एक ऐसे देवता है जो अगर किसी जातक से रुष्ट हो जाते हैं तो उस व्यक्ति का विवेक ही खत्म हो जाता है. शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि बुध जाप और पूजा हर जातक को साल में एक बार अवश्य करा लेनी चाहिए.

इस पूजा को सही विधि-विधान से पूरा करने में कुछ 2 दिन लगते हैं. बुध ग्रह दोष निवारण के लिए खास तरीके से कुछ 9 हजार बार मन्त्र उच्चारण किया जाता है. बुध देव को मनाने के ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: का जाप इस पूजा में किया जायेगा. इस पूजा के लिए ख़ास किसी विशेष ब्राह्मण की मदद ली जाती है जो इस पूजा को संपन्न करा सकता है.

पूजा में शामिल प्रक्रिया-

बुध जाप और पूजा में सबसे पहले यह पूजा एक संकल्प से शुरू होती है. जिस व्यक्ति के लिए पूजा करनी होती है उसके नाम से संकल्प लिए जाता है. इसके बाद बुध मन्त्र जाप की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाता है. इस पूजा की सबसे महत्वपूर्ण बात मन्त्र जाप का उच्चारण ही है. जब मन्त्रों का जाप पूरा हो जाता है तो उसके बाद हवन किया जाता है और अंत में ब्राह्मण दक्षिणा का प्रावधान होता है.

बुध जाप और पूजा का लाभ-

इस पूजा से व्यक्ति के बौधिक कार्य होने लगते हैं. व्यक्ति के जीवन में विवेक का होना जरुरी होता है और जब व्यक्ति को बुध का साथ मिलता है तो उससे उस व्यक्ति का विवेक का स्तर बढ़ जाता है. जब बुद्धि और विवेक बढ़ता है तो व्यक्ति के काम और व्यापार में जबरदस्त रूप से बढ़ोतरी होने लगती है.

तो आपको भी अगर व्यापार और नौकरी में बुद्धि व विवेक से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो आपको एक बार अपने बुध देव का हमारे ज्योतिषाचार्यों की मदद से आंकलन करा लेना चाहिए. साथ ही साथ अगर आप इस साल की बुध जाप और पूजा कराने चाहते हैं तो आपको योरफार्च्यून से जल्द से जल्द संपर्क कर लेना चाहिए.