शनि पूजा

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शनि देव को हिन्दू धर्म का एक मुख्य देवता बताया गया है. शनि देव के लिए बोला गया है कि यह व्यक्ति को उसके पापों और बुरे कर्मों के लिए सजा देते हैं. कई बार शनिदेव व्यक्ति से इतने बिगड़ जाते हैं कि फिर उसके बाद वह व्यक्ति का कोई भी काम बनने नहीं देते हैं. आज अधिकतर व्यक्ति कहीं ना कहीं शनि देव की वजह से ही दुखी होते हैं. शास्त्रों में शनि देव की एक कथा का जिक्र आता है-

रावण अपने अहंकार में चूर था और उसने अपने बल से सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था. शनिदेव को भी उसने बंदीग्रह में उल्टा लटका दिया था. उसी समय हनुमानजी प्रभु राम के दूत बनकर लंका गए हुए थे. रावण ने अहंकार में आकर हनुमाजी की पूंछ में आग लगवा दी थी. इसी बात से क्रोधित होकर हनुमानजी ने पूरी लंका जला दी थी लंका जल गई और सारे ग्रह आजाद हो गए लेकिन उल्‍टा लटका होने के कारण शनि के शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी और वह दर्द से कराह रहे थे.शनि के दर्द को शांत करने के लिए हुनमानजी ने उनके शरीर पर तेल से मालिश की थी और शनि को दर्द से मुक्‍त किया था. उसी समय शनि ने कहा था कि जो भी व्‍यक्ति श्रद्धा भक्ति से मुझ पर तेल चढ़ाएगा उसे सारी समस्‍याओं से मुक्ति मिलेगी. तभी से शनिदेव पर तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई थी.

किन्तु हनुमान जी की पूजा को करना इतना आसान नहीं होता है. हनुमान जी एक ऐसे देव हैं जो इन्सान के दिखावे से नहीं बल्कि उसकी भक्ति से प्रसन्न होते हैं. आपके काम यदि शनिवार के दिन नहीं बनते हैं या आपको शनिवार काफी कष्ट देता है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपसे शनिदेव रुष्ट हैं.

आपको अगर इस समस्या का हल चाहिए तो आपको जल्द से जल्द शनि देव की पूजा का आयोजन अपने नाम से करा लेना चाहिए. योर फार्च्यून आपकी इस पूजा को बड़ी ही आसानी से संपन्न करा सकता है. इसलिए यदि आप शनि पूजा कराना चाहते हैं तो आप जल्द से जल्द आपको योर फार्च्यून से संपर्क कर लें.