महाभारत ग्रंथ

इस वजह से घर में नहीं रखना चाहिए महाभारत का ग्रंथ

शास्‍त्रों में और हिंदू धर्म में महाभारत को बेहद पवित्र ग्रंथ माना गया है।

मान्‍यता है कि इस ग्रंथ जैसा ज्ञान और कहीं सीखने को नहीं मिलता है। महाभारत का ग्रंथ धर्म का पालन करना, नीति से कार्य करना, मर्यादा में रहना, विवेक से निर्णय लेना और सदाचार व्‍यवहार करने की सीख देता है। लेकिन शास्‍त्रों में इस महान ग्रंथ को घर में रखने की मनाही है।

महाभारत ग्रंथ को पांचवा वेद भी माना जाता है। कहा जाता है कि घर में महाभारत ग्रंथ को रखने से परिवार के सदस्‍यों के बीच महाभारत की ही तरह झगड़े होने लगते हैं। इसलिए पारिवारिक सुख-शांति के लिए घर में महाभारत ग्रंथ नहीं रखना चाहिए।

महाभारत ग्रंथरामायण, गीता, हनुमान चालीसा को पवित्र ग्रंथ माना गया है और इन्‍हें घर में रखना शुभ माना जाता है लेकिन महाभारत ग्रंथ के बारे में ऐसा नहीं माना जाता है। क्‍या आप जानते हैं कि महाभारत को लेकर ऐसी मान्‍यता क्‍यों है?

किवदंती है कि महाभारत का पाठ कभी भी घर में बैठकर नहीं करना चाहिए। इसका पाठ किसी मंदिर, एकांत स्‍थल या किसी धार्मिक स्‍थान पर बैठकर करना चाहिए। यहां भी इस ग्रंथ का पूरा पाठ नहीं करना चाहिए। इसका कोई एक पृष्‍ठ अवश्‍य छोड़ दें।

महाभारत ग्रंथ को लेकर ऐसी मान्‍यता के पीछे छिपा कारण है इस ग्रंथ का विषय। रामायण में प्रभु श्रीराम के मर्यादा, माता सीता की पवित्रता और एक भाई का अपने बड़े भाई के लिए प्रेम और त्‍याग को दर्शाया गया है जबकि महाभारत में सिंहासन के लिए एक भाई दूसरे भाई का शत्रु बन जाता है और उसकी पत्‍नी के साथ अभद्र व्‍यवहार करता है।

रामायण का उद्देश्‍य जीवन को सकारात्‍मक रूप से प्रेरित करता है जबकि महाभारत ग्रंथ नकारात्‍मक विषय पर लिखा गया है। रामायण से ज्ञात होता है कि मनुष्‍य को अपने जीवन में क्‍या करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर महाभारत बताता है कि जीवन में क्‍या नहीं करना चाहिए। रामायण और महाभारत दोनों ही ग्रंथों में युद्ध का वर्णन है लेकिन दोनों ही युद्धों के कारण में जमीन-आसमान का अंतर है। रामायण में युद्ध स्‍त्री के सम्‍मान को बचाने के लिए किया गया था वहीं महाभारत में युद्ध स्‍त्री के अपमान के कारण हुआ था।

रामायण में स्‍वयं भगवान विष्‍णु ने मानव अवतार में युद्ध किय था। रामायण का युद्ध बुराई पर अच्‍छाई का प्रतीक है जबकि महाभारत सत्ता के लालच के कारण अपने ही संबंधियों का लहु बनाने की गाथा कहता है। इसलिए ये दोंनों ही ग्रंथ पवित्र और पौराणिक होने के साथ-साथ एक-दूसरे से बहुत अलग हैं।

शास्‍त्रों के अनुसार महाभारत से जुड़ी कोई भी वस्‍तु अथवा चित्र घर में नही रखना चाहिए। जिस घर में महाभारत युद्ध की तस्‍वीर इत्‍यादि लगाई जाती है वहां नकारात्‍मक ऊर्जा का वास रहता है और उस घर में सदा पारिवारिक कलह बनी रहती है। जिस प्रकार महाभारत युद्ध में एक भाई दूसरे भाई के प्राणों का दुश्‍मन बन गया था, उसी प्रकार महाभारत से संबंधित वस्‍तु घर में रखने से वहां रहने वाले लोग भी ऐसा ही दुर्व्‍यवहार करने लगते हैं और उस घर की शांति भंग हो जाती है।

Share this post