हनुमान जयंती

इस गुफा में हुआ था हनुमान जी का जन्‍म

दुनियाभर में रामभक्‍त हनुमान जी के कई चमत्‍कारिक मंदिर हैं. आपने हनुमान जी के चमत्‍कारों से संबंधित कई मंदिरों के दर्शन किए होंगें लेकिन क्‍या आप उनके जन्‍मस्‍थान के बारे में जानते हैं.

दरसअल अंजनि पुत्र हनुमान का जन्‍म झारखंड के गुमला जिले के उत्तरी क्षेत्र के पहाड़ी इलाके में एक गुफा के अंदर हुआ था. मान्‍यता है कि ये गुफा हनुमान जी का जन्‍मस्‍थान है.

 

झारखंड के गुमला

अचानक बंद हो गई गुफा

किवदंती है कि कलियुग में य‍ह गुफा अपने आप ही बंद हो गई थी. इस गुफा के बंद होने के पीछे माता अंजनि का क्रोध बताया जाता है. कहते हैं कि लोगों द्वारा दी जाने वाली बलि से नाराज़ होकर माता अंजनि ने अपनी इस गुफा को अपने क्रोध से बंद कर दिया है.

 

मुख्‍य आकर्षण

इस गुफा के बंद होने के बाद भक्‍तों ने कुछ ऊंचाई पर माता अंजनि का एक मंदिर बनाया है. इस मंदिर में माता अंजनि की गोद में हनुमान जी बैठे हुए हैं. पूरी दुनिया में झारखंड की इस गुफा में स्थित यही एकमात्र मंदिर ऐसा है जहां हनुमान जी अपनी माता के साथ व उनकी गोद में बैठे हुए हैं. इस कारण यह मंदिर बेहद खास और महत्‍वूपूर्ण है. गुमला जिले के पहाड़ों में एक गुफा ऐसी भी है जिसके बारे में मान्‍यता है कि इस गुफा में माता अंजनि भगवान शिव की पूजा करने आती थी. इस कारण यहां पर 360 शिवलिंग हैं.

 

कब हुई स्‍थापना

झारखंड के इस जिले का नाम हनुमान जी की माता अंजनि के नाम पर ही आंजन पड़ा है. आंजन नगर में एक हनुमान जी का मंदिर भी स्थित है. इस मंदिर की स्‍थापना हनुमान जी के भक्‍तों ने सन् 1953 में की थी. मंदिर के निकट एक पंपापुर नामक सरोवर भी है. मान्‍यता है कि इस सरोवर में भगवान राम और अनके अनुज लक्ष्‍मण जी ने स्‍नान किया था. यहां पर एक खटवा नदी भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि इस नदी में माता अंजनि रोज़ स्‍नान करने आती थी. पहाड़ पर एक और तालाब है अंजनि माता के इस मंदिर का संबध रामायण काल से भी बताया जाता है.

 

प्रचलित कथा

हनुमान जी के इस जन्‍मस्‍थान के बारे में एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. किवदंती है कि गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में वानर राज बालि और सुग्रीव का राज्‍य किश्‍किंधा हुआ करता था. सुग्रीव हनुमान जी के परम मित्र भी थे.

 

सर्प गुफा

मांता अंजनि के इस चमत्‍कारिक मंदिर के नीचे एक और गुफा है जिसे सर्प गुफा के नाम से जाना जाता है. अंजनि माता के मंदिर के दर्शन करने आए भक्‍त इस सर्प गुफा के दर्शन करने जरूर आते हैं. कहते हैं कि सर्प गुफा के दर्शन किए बिना अंजनि माता के दर्शन पूर्ण नहीं होते. इस गुफा में आने पर भक्‍तों को एक टीले पर सर्प के दर्शन भी होते हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि वह नागदेव हैं.

 

कैसे पहुंचे

झारखंड के गुमला जिले में स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको हतिया रेलवे स्‍टेशन पर उतरना पड़ेगा. यहां से आपको मंदिर तक जाने के लिए आसानी से बस और टैक्‍सी मिल जाएगी. इस मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा चकुलिया एयरपोर्ट है. झारखंड राज्‍य सड़क मार्ग से भी अच्‍छी तरह से जुड़ा है.

 

जरूर पढ़ें- अपनी हर समस्या का समाधान करें भगवान श्रीराम की इन 4 बातों से !

Share this post