सत्यनारायण व्रत

इस एक व्रत से कलियुग में पूरी होती है हर किसी की मनोकामना !

इस कलियुग में इंसान की इच्छाएं इतनी ज्यादा बढ़ गई है जिसका जीवनपर्यंत कोई अंत नजर नहीं आता है. यही वजह है किअधिकांश लोग पैसा कमाने दौड़ में इतनी तेजी से दौड़ रहे हैं कि उनके पास पास भगवान के चरणों में ध्यान लगाने और पूजा-पाठ करने के लिए भी समय नहीं होता है.

ऐसे में हर कोई बस यही कामना करता है कि उनकी मनोकामना भी जल्दी से पूरी हो जाए और उन्हें इसके लिए ज्यादा परिश्रम भी ना करना पड़े.

अगर आप भी चाहते हैं कि इस कलियुग में आपको भगवान को प्रसन्न करने के लिए आपको ज्यादा जप तप ना करना पड़े और आपकी मनोकामनाएं भी जल्दी से पूरी हो जाए, तो चलिए हम आपको बताते हैं एक ऐसे खास और आसान व्रत के बारे में जो हर किसी की मनोकामना पूरी कर सकता है.

सत्यनारायण व्रत से पूरी होती है हर कामना

कलियुग यानि आधुनिक युग में अधिकांश लोग कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिससे उन्हें अंजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल सके और उनकी समस्त इच्छाओं की पूर्ति हो सके.

इसके लिए स्वयं नारद मुनि ने सत्यनारायण व्रत की महिमा बताई है जिसका जिक्र आध्यात्मिक पुस्तकों में मिलता है. कलियुग में सत्यनारायण व्रत कथा को एकमात्र ऐसा व्रत बताया गया है जो शीघ्र फलदायी है.

लेकिन इस कथा को करवाने और सुनने के लिए भी कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ता है. क्योंकि सत्यनारायण भगवान की कथा में कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें ध्यानपूर्वक सुनने के बाद ही आपको इसका फल मिल सकता है.

यह व्रत समस्त पापों से दिलाता है मुक्ति

सत्यनारायण व्रत को करने और इसकी कथा को सुनने व करवाने से इंसान अपने सभी पापों से मुक्त होकर मोक्ष का अधिकारी भी बनता है. इसके साथ ही उसके जीवन में सुख-संपत्ति का वास होता है और उसकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है.

धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वयं नारद जी ने भगवान विष्णु से कलियुग में लोगों को दुखों से मुक्ति दिलाकर सुखी करने के लिए आसान और शीघ्र फलदायी उपाय के बारे में पूछा. तब भगवान विष्णु ने उन्हें सत्यनारायण व्रत कथा की महिमा के बारे में बताया.

श्रीहरि ने नारद को बताया कि स्वर्ग लोक और मृत्युलोक दोनों में श्रीसत्यनारायण भगवान को समर्पित यह एक दुर्लभ और उत्तम व्रत है. जिससे मनुष्य मोह माया से छूटकर पुण्य का भागीदार बनता है.

श्री सत्यनारायण भगवान का यह व्रत अच्छी तरह विधि-विधान के साथ करनेवाला मनुष्य अपने जीते जी सुखों को भोगता है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष पाता है.

इसके लिए मनुष्य को भक्ति और श्रद्धा के साथ श्रीसत्यनारायण की पूजा ब्राह्मणों और परिवार के बंधुओं के साथ करनी चाहिए. भक्ति भाव से ही नैवेद्य, केला, फल, घी, दूध के साथ गेंहू के आटे का सवाया बनाकर उसमें शक्कर या गुड़ डालकर भगवान को भोग लगाना चाहिए.

गौरतलब है कि नए घर में प्रवेश करने के लिए भी लोग सत्यनारायण की कथा कराते हैं ताकि उनके घर में सुख और समृद्धि का वास हो. उसी तरह अगर आप अपने जीवन के समस्त पापों से मुक्त होकर सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो फिर आपको सत्यनारायण का व्रत और उसकी कथा जरूरी करनी चाहिए.

Share this post