विश्‍वकर्मा पूजा

17 सितंबर को इस विधि से करे विश्वकर्मा पूजा, व्यापार में होगी वृद्धि

विश्‍वकर्मा पूजा – कन्‍या संक्रांति के दिन हर साल विश्‍वकर्मा पूजा की जाती है।

इस शुभ दिन पर भगवान विश्‍वकर्मा जी का जन्‍म हुआ था। इस दिन को विश्‍वकर्मा जयंती कहा जाता है। इस बार ये जयंत 17 सितंबर को यानि रविवार को है।

शास्‍त्रों में विश्‍वकर्मा जी को संसार का सबसे बड़ा वास्‍तुकार कहा गया है। इस दिन लोग अपने काम यानि उद्योग, फैक्‍ट्री और मशीनों की पूजा करते हैं।

भारत में कहीं-कहीं पर दीपावली के दूसरे दिन भी विश्‍वकर्मा पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने ऑफिस में काम नहीं करते हैं और ज्‍यादातर ऑफिस, फैक्‍ट्री और दुकानें बंद ही रहती हैं।

क्‍या है विश्‍वकर्मा पूजा का महत्‍व

मान्‍यता है कि सतयुग में स्‍वर्ग लोक और त्रेतुा युग में रावण की लंका और द्वापर युग में श्रीकृष्‍ण की द्वारिका को विश्‍वकर्मा जी ने ही बनाया था। यदि कोई पुरुष अपने व्‍यापार में वृद्धि और सुख-समृद्धि की कामना रखता है तो उसे विश्‍वकर्मा जी की पूजा करनी चाहिए।

विश्‍वकर्मा पूजन विधि

इस दिन अपने दुकान अथवा ऑफिस के मंदिर में विश्‍वकर्मा जी की तस्‍वीर की स्‍थापना कर उनकी पूजा करें। सबसे पहले उनकी तस्‍वीर पर फूलों की माला चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं और मंदिर में अपने मुख्‍य औज़ारों को रखें और उनकी भी पूजा करें। इस दिन अपने औज़ारों से काम नहीं किया जाता है इसलिए आज के दिन अपना ऑफिस एवं दुकान आदि बंद रखें।

व्‍यापारियों और उद्योग चलाने वाले लोगों के लिए विश्‍वकर्मा पूजा अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण होती है। इससे उनके व्‍यापार में वृद्धि होती है और भगवान विश्‍वकर्मा की कृपा से उनके सभी प्रकार के आर्थिक कष्‍ट दूर हो जाते हैं।

अगर आपका व्‍यापार ठीक नहीं चल रहा है या आपको हानि हो रही है। आपको विश्‍वकर्मा पूजा के दिन जरूर भगवान विश्‍वकर्मा का पूजन करना चाहिए। उनकी कृपा से आपको सुख और समृद्धि की प्राप्‍ति होगी।

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