शनि देव को सरसों का तेल

शनिवार के दिन क्यों चढ़ाया जाता है शनि देव को सरसों का तेल !

शनि देव को सरसों का तेल  – शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है।

इस दिन हर जगह शनि देव की विशेष पूजा का विधान है। हिंदू धर्म में शनि देव को प्रसन्‍न करने के लिए सबसे शुभ दिन शनिवार का ही माना जाता है। शनिवार के दिन शनि देव का प्रसन्‍न करने के लिए मंदिरों में और जगह-जगह पर शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाया जाता है। आपने देखा होगा कि एक बाल्‍टी में शनि देव की तस्‍वीर को सरसों के तेल में आधी डुबोकर रखा जाता है।

लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ऐसा क्‍यों होता है। हिंदू धर्म की एक मान्‍यता के अनुसार शनि देव को प्रसन्‍न करने के निए भक्‍त हर शनिवार को उन्‍हें तेल चढ़ाते हैं।

शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाने के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी है।

इस कथा के अनुसार रामायण काल में एक बार शनि देव को अपने बल और पराक्रम पर अहंकार हो गया था किंतु उस समय में चारों दिशाओं में हनुमान जी के बल और पराक्रम का डंका बजता था।

जब शनि देव ने हुनमान जी के बल और पराक्रम की प्रशंसा सुनी तो वे हनुमान जी से युद्ध करने के लिए निकल पड़े। उस समय हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम की भक्‍ति में लीन थे। तभी वहां शनिदेव आ पहुंचे और उन्‍होंने हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारना शुरु किया। हनुमान जी को शनिदेव के क्रोध और घमंड का कारण समझ आ चुका था इसलिए उन्‍होंने युद्ध को स्‍वीकार करने की बजाय उन्‍हें शांत करना उचित समझा। लेकिन शनि देव के हठ के आगे आज तक कौन टिक पाया है।

आखिरकार हनुमान जी को उनसे युद्ध के लिए मानना पड़ा। दोनों के मध्‍य घमासान युद्ध हुआ और अंत में शनि देव को हनुमान जी ने परास्‍त कर दिया।

किवदंती है कि युद्ध के दौरान हनुमान जी के प्रहार से शनि देव के शरीर पर कई घाव बन गए थे। उनसे यह पीड़ा सहन नहीं हो पा रही थी। तब हनुमान जी ने उन्‍हें पीड़ा से मुक्‍त करने के लिए उनके शरीर पर सरसों का तेल लगाया था। इससे शनि देव की पीड़ा कम हो गई थी।

इसी के बाद से शनि देव को तेल चढ़ाने की पंरपरा की शुरुआत हुई।

मान्‍यता है कि शनि देव को तेल चढ़ाने से उनकी पीड़ा कम हो जाती है और फिर वे अपने भक्‍त की पीड़ा को भी कम कर देते हैं। शनि देव को तेल चढ़ाने से जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। आर्थिक समस्‍याओं से जूझ रहे लोगों को भी शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।

इसके अलावा यदि कोई व्‍यक्‍ति शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैय्या से गुज़र रहा है तो उसे भी शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करनी चाहिए और उन्‍हें शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।

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