ॐ का उच्चाारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान, होगा दोगुना फायदा
ॐ का उच्चाारण – संसार में सबसे अधिक शक्तिशाली है ऊं शब्द का उच्चारण करना है।
सच्चे मन से ॐ का उच्चाारण करने से जीवन के तो सारे कष्ट दूर होते ही हैं साथ ही शारीरिक व्याधियां भी दूर हो जाती हैं। ये मानसिक तनाव से भी छुटकारा दिलाता है।
ॐ का उच्चाारण करने पर आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन बातों को ध्यान में रखकर ही आप ऊं का पूर्ण फल प्राप्त कर सकते हैं।
ॐ का उच्चाारण –
पहला नियम
ऊं का उच्चारण किसी शांत जगह पर ही करें। जिस स्थान पर कोई बाधा ना हो और खुली हवा आए, वो ऊं के उच्चारण के लिए उत्तम स्थान है। आप ऊं का उच्चारण किसी खुली जगह या छत पर कर सकते हैं।
दूसरा नियम
वैसे तो ऊं का उच्चारण आप कभी भी कर सकते हैं लेकिन सुबह के समय उच्चारण करना सबसे बेहतर माना जाता है। अगर किसी वजह से आप सुबह के समय ऊं का उच्चारण नहीं कर पाएं हैं तो आप रात को सोने से पहले भी ऊं का उच्चारण कर सकते हैं।
तीसरा नियम
ऊं किसी धर्म का सूचक नहीं है बल्कि ये तो एक प्रकार का ध्यान है जो मन की शांति प्रदान करने के साथ-साथ दिमाग को भी आराम देता है। इसके उच्चारण के समय आपको भगवान के आगे धूप-दीप जलाने की जरूरत नहीं है।
चौथा नियम
ऊं का उच्चारण जमीन पर बैठकर ही करें। पद्मासन में बैठें और आंख बंद करके पेट से ध्वनि निकालने का प्रयास करें। जितना हो सके इस शब्द को लंबा खींचें और सांस भरने पर रूक जाएं। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं।
ॐ का उच्चाारण में बहुत शक्तिशाली है। अभी तक आपने केवल इसके मानसिक और मन को शांति पहुंचाने वाले लाभ के बारे में पढ़ा है लेकिन इसका उच्चारण करने से शरीर के कई रोग भी दूर हो जाते हैं। नियमित ऊं का उच्चारण करने वाला व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
