वास्तु के नियम

नहीं मानेंगें वास्‍तु की ये बात तो हो जायेंगे कंगाल

वास्तु के नियम – वास्‍तुशास्‍त्र के नियमों का पालन कर घर में सुख-समृद्धि को पाया जा सकता है। कहते हैं कि अगर घर या दुकान में कोई वास्‍तु दोष हो तो उस घर की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। वास्‍तु का सीधा संबंध धन की देवी मां लक्ष्‍मी से है। वास्‍तुदोष का सबसे पहले प्रभाव मनुष्‍य की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है।

अगर आप वास्‍तुदोष के कारण होने वाली आर्थिक तंगी से बचना चाहते हैं या अपने घर में देवी लक्ष्‍मी की कृपा से सुख और समृद्धि का आगमन चाहते हैं तो आपको वास्‍तु से जुड़ी इन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

वास्तु के नियम –

– वास्‍तु में घर की उत्तर-पर्व दिशा को ईशान कोण का नाम दिया गया है। ये दिशा जल तत्‍व से संबंध रखती है एवं इस दिशा का स्‍वामी रुद्र हैं। अपने घर की इस दिशा को हमेशा साफ और पवित्र रखें। इससे घर में कोई वास्‍तुदोष नहीं बनता है।

– वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार दक्षिण पूर्व दिशा को आग्‍नेय कोण कहा गया है। ये दिशा अग्‍नि तत्‍व से संबंधित है एवं इस दिशा का स्‍वामी कोई और नहीं अग्‍नि देवता हैं। इस दिशा में विद्युतीय उपकरण रखना शुभ रहता है। यहां पर आप मोटर, बिजली का मीटर आदि लगा सकते हैं।

– वास्‍तु में दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्‍य कोण कहा गया है। इस दिशा को पृथ्‍वी तत्‍व से संबंधित बताया गया है एवं इसका स्‍वामी नैरूत है। यदि इस दिशा में कोई दोष हो तो उस घर में रहने वाला व्‍यक्‍ति को चरित्र हनन, शत्रु का डर और दुर्घटना का भय रहता है।

– उत्त-पश्चिम दिशा को वायव्‍य कोण बताया गया है। इस दिशा का संबंध वायु तत्‍व से है और इसका स्‍वामी वरुण देवता हैं। इस दिशा का संबंध वहां रहने वाले लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य से है। इस दिशा में दोष होने पर वहां रहने वाले लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य और आयु पर असर पड़ता है।

– वास्‍तु के अनुसार किसी भी स्‍थान का मध्‍य भाग सबसे महत्‍वपूर्ण होता है। इस हिस्‍से को ब्रह्मा जी से संबंधित बताया जाता है। अगर आप इस दिशा को खुला और साफ रखेंगें तो आपके घर में कोई वास्‍तु दोष नहीं बनेगा। इस दिशा का संबंध आकाश तत्‍व से है।

अगर आप सुख और समृद्धि पाना चाहते हैं तो ये वास्तु के नियम को जरूर अपनाएं।  किसी भी दिशा में वास्‍तुदोष होने पर आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।

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