ज्योतिष

जानियें, आखिर क्यों चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही मनाया जाता है ज्योतिष दिवस, जरुर पढ़ें जरुरी जानकारी

सबसे पहले तो आपको हम ज्योतिष-दिवस की शुभकामनायें देते हैं जो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 29 मार्च 2017 पर आया है. ज्योतिष दिवस के बारें में आज बहुत ही कम लोग जानते हैं. आज जिस तरह से हिन्दू संस्कृति को खत्म किया जा रहा है उसके पीछे एक सोची और समझी हुई साजिश की गयी है.

कहते हैं कि लोगों को अपने धर्म से भ्रष्ट करना हो तो उसको उसके संस्कारों और रीति-रिवाजों से दूर कर देना चाहिए. आज हमारे सामने कुछ ऐसी ही स्थिति आ गयी है.  चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि अत्यंत पवित्र तिथि है और शास्त्रानुसार आज ही के दिन “ज्योतिष दिवस” भी मनाया जाता है. तो आइये आज हम आपको ज्योतिष दिवस से जुड़ी हुई कुछ बेहद जरुरी जानकारी देते हैं-

 

  1. ऐसा बताया जाता है कि आज ही के दिन ब्रम्हा ने सृष्टि का निर्माण किया था. वह शुभ दिन आज है जब जगत की रचना की गयी थी.

 

  1. ज्योतिष का अर्थ है –प्रकाश. आज ही के दिन सृष्टि में प्रथम बार प्रकाश का आविर्भाव प्रथम सूर्योदय के साथ हुआ था.

 

  1. आज ही के दिन से काल गणना का आरम्भ हुआ था. यानि की समय का प्रारंभ भी आज से हुआ था. आज के दिन हर व्यक्ति गंगा के जल की तरह पवित्र था.

 

  1. आज ही के दिन भगवान का मत्स्यावतार हुआ था. आज भगवान ने एक बार फिर से इस धरती पर कदम रखे थे और अपने भक्तों को दर्शन दिए थे.

 

  1. आज ही के दिन सतयुग का आरम्भ हुआ था. जी हाँ आज बेशक हम कलयुग में जी रहे हैं किन्तु एक अति पावन समय जब मात्र मूर्ति पूजन से आवागमन से मुक्ति मिलती थी वह सतयुग आज से ही प्रारंभ हुआ था.

 

  1. आज ही के दिन विक्रम संवत आरम्भ हुआ था.

 

ज्योतिष दिवस

तो इस प्रकार से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिन सम्पूर्ण मानव जाति के लिए विशेष महत्त्वपूर्ण बताया गया है. किन्तु ज्ञान के अभाव में आज हमको यह सब जानकारी कोई बताने वाला ही नहीं है.

 

आज के दिन का ज्योतिषीय महत्त्व

यहाँ हमारे लिए ज्योतिषीय दृष्टि से विशिष्ट बात यह है कि आज से “एक अरब सत्तानवे करोड़ उन्तीस लाख उनचास हजार एक सौ अठारह सौरवर्ष” पूर्व आज ही के दिन प्रथम बार सूर्योदय हुआ और सूर्योदय के साथ ही सूर्य के प्रकाश में ब्रह्माण्ड के सारे ग्रह-नक्षत्र -तारे चमकने लगे अर्थात् सुर्योदय के साथ ही नवग्रह, सत्ताईस नक्षत्र और बारह राशियों का भी उदय हुआ। काल गणना का आरम्भ आज ही दिन से हुआ था.

आज का दिन सृष्टि के प्रथम युग सतयुग का प्रथम दिवस भी है. इस प्रकार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण होने के कारण ज्योतिष-दिवस के रूप में मनाया जाता है.

 

ज्योतिष दिवस कैसे मनाएं

 

  1. आज के दिन अपने ज्योतिष-कार्यालयों, घरों ,मंदिरों की विशेष सजावट करें.

 

  1. आज के दिन ब्रह्माजी के साथ-साथ सूर्य , पंचांग और ज्योतिष ग्रंथों की भी पूजन करें.

 

  1. अपने ज्योतिष मित्रों और ज्योतिष अनुरागियों को शुभ-कामना और बधाई सन्देश प्रेषित करें.

 

  1. यदि संभव हो तो आज के दिन ज्योतिष सम्बन्धी सभा-संगोष्ठी आदि का आयोजन करें.

ज्योतिष-दिवस, ज्योतिष-अध्यात्म और सम्पूर्ण ऋषि परंपरा के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का भाव प्रकट करता है . साथ ही साथ इस महत्वपूर्ण जानकारी को आपको आगे अन्य सनातनी लोगों तक जरुर पहुचाना चाहिए.

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