स्‍वस्‍थ और भाग्‍यशाली संतान के लिए मंत्र का जाप

स्वास्थ। और भाग्य शाली संतान के लिए गर्भवती स्त्री को करना चाहिए इस मंत्र का जाप

स्‍वस्‍थ और भाग्‍यशाली संतान के लिए मंत्र का जाप – गर्भवती स्त्रियों को अपना खास ख्‍याल रखना होता है। हर गर्भवती स्‍त्री यही कामना करती है कि उसकी संतान स्‍वस्‍थ और भाग्‍यशाली हो।

उसकी संतान के जीवन कभी कोई दुख या परेशानी न आए।

शास्‍त्रों में गर्भवती स्‍त्री की इस कामना को पूरा करने का उपाय बताया गया है। अगर कोई भी गर्भवती स्‍त्री इस उपाय को करे तो उसकी संतान अवश्‍य ही स्‍वस्‍थ और भाग्‍यशाली होती है। मंत्रों में बहुत ताकत होती है। दुनिया में ऐसी कोई भी परेशानी नहीं है जिसका समाधान मंत्र से नहीं किया जा सकता हो। धन की कमी या संतान सुख या फिर शत्रु से मुक्‍ति, हर प्रकार की बाधा को मंत्र साधना से दूर किया जा सकता है।

गर्भवती स्त्रियों को भी स्‍वस्‍थ और भाग्‍यशाली संतान के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए। ज्‍योतिष शास्‍त्र में एक ऐसा मंत्र बताया गया है जो गर्भवती स्त्रियों की सारी चिंताओं को दूर उन्‍हें एक स्‍वस्‍थ संतान प्रदान करता है। इस मंत्र के जाप से संतान को स्‍वास्‍थ्‍य सुख तो मिलेगा ही साथ ही उसके भाग्‍य पर सकारात्‍मक असर भी पड़ेगा।

अगर कोई स्‍त्री गर्भवती है, गर्भधारण कर रही है या मध्‍यम चरण में भी हो तब भी यह मंत्र उसकी रक्षा करता है।

कैसे करें जाप

इस मंत्र के जाप से पूर्व गर्भवती महिला को भगवान शिव की संतान भगवान गणेश की मूर्ति लाएं। गणेश जी की इस मूर्ति के आगे बैठकर इस मंत्र का जाप करें।

मंत्र जाप पूर्ण करने के बाद गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। गणेश जी को कम से कम दो मोदक का भोग तो अवश्‍य ही लगाएं। ये मोदक भगवान गणेश के हाथों से ही बने होने चाहिए और इन्‍हें ग्रहण भी केवल गर्भवती स्‍त्री को ही करना है। मोदक का यह प्रसाद घर के अन्‍य किसी भी सदस्‍य को न दें।

ये है चमत्‍कारिक मंत्र

रक्ष रक्ष गणाध्‍यक्ष: रक्ष त्रैलोक्‍य नायक:, भक्‍त नाभयं कर्ता त्राताभव भवार्णवात्।।

ये है स्‍वस्‍थ और भाग्‍यशाली संतान के लिए मंत्र का जाप – आपको इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार यानि एक माला तो अवश्‍य ही करना है। संभव हो तो इससे अधिक बार भी मंत्र जाप कर सकती हैं। प्रसव का समय पास आने पर जप संख्‍या बढ़ाई जा सकती है। इससे प्रसव आसानी से हो जाएगा।

Share this post