रावण के अनुसार स्‍त्री

रावण के अनुसार हर स्त्री में होते हैं ये 5 तरह के अवगुण

रावण के अनुसार स्‍त्री – रावण को कलियुग में सबसे बड़े खलनायक के रूप में जाना जाता है लेकिन रावण में कई सारी खूबियां भी थीं। रावण एक महापंडित था जिसे कई वेदों और शास्‍त्रों का ज्ञान था।

महादेव का परम भक्‍त होने के नाते रावण ने ही गायत्री मंत्र की रचना की थी। इसके अलावा संसार में लोगों की समस्‍या का निवारण करने वाले ऐसे कई मंत्रों और शास्‍त्रों का रावण ने निर्माण किया था। प्रचलित लाल किताब के उपायों को भी स्‍वयं रावण ने ही लिखा था।

इन सब खूबियों के बावजूद रावण में एक कमी थी कि वो पराई स्‍त्री पर बुरी नज़र रखता था और इसी कारण उसे राजा राम के हाथों मृत्‍यु और आज तक इतना अपमान सहना पड़ा है।

रावण के अनुसार स्‍त्री में 5 तरह के अवगुण होते हैं।

आइए जानते हैं रावण के अनुसार स्‍त्री के 5 तरह के अवगुणों के बारे में।

सीताजी के हरण के पश्‍चात् रावण की पत्‍नी मंदोदरी ने उसका विरोध किया था और उन्‍हें वापिस भेजने की विनती की थी। लेकिन रावण ने उसकी एक ना सुनी। तब रावण ने ये श्‍लोक बोले थे – नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं अवगुन आठ सदा उर रहीं साहस अनृत चपलता माया भय अबिबेक असौच अदाया।

इस श्‍लोक के अनुसार स्त्रियों में ये 5 अवगुण नहीं होने चाहिए -:

– रावण का कहना था कि स्त्रियों का स्‍वभाव चंचल होता है और वो बिना सोच-विचार के कोई कार्य कर देती हैं और बाद में उन्‍हें इसके लिए पछतावा होता है।

– रावण का मानना था कि स्त्रियां झूठ बहुत बोलती हैं लेकिन वो ये नहीं जानती कि सच एक ना एक दिन बाहर आ ही जाएगा।

– रावण के अनुसार अगर स्‍त्री किसी के प्रति निर्दयी हो जाती है तो फिर कभी उसके प्रति दया का भाव नहीं रखती है।

– रावण को लगता था कि स्त्रियां केवल बाहर से साहसी बनती हैं जबकि अंदर से वे कमज़ोर होती हैं।

– रावण का कहना था कि स्त्रियां कई बार दिखावा करने में मूर्खता कर जाती हैं और उनके मन में कोई भी बात ज्‍यादा समय तक नहीं रह सकती है।

रावण के अनुसार स्‍त्री मे ये 5 अवगुण होते ही हैं। यदि उस समय रावण अपनी पत्‍नी मंदोदरी की बात मान लेता तो उसे आज तक इतना अपमान ना सहना पड़ता।

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