श्रीकृष्ण के मंत्र

कंगाल से मालामाल बनने के लिए अपनाये श्रीकृष्ण के यह आसान मंत्र !

श्रीकृष्ण के मंत्र – श्रीकृष्‍ण को भगवान विष्‍णु का आठवां अवतार माना जाता है।

दुनियाभर में श्रीकृष्‍ण के अनन्‍य करोड़ों भक्‍त हैं। विदेशों में भी लोग श्रीकृष्‍ण को अनंत प्रेम करते हैं। ईश्‍वर को प्रसन्‍न करने के लिए मंत्रों के उच्‍चारण की शुरुआत की गई। मान्‍यता है कि मंत्रों का जाप करने से ईश्‍वर जल्‍दी प्रसन्‍न हो जाते हैं।

धन-संपदा और सुख-समृद्धि प्राप्‍त करने के लिए आपको श्रीकृष्ण के मंत्र का जाप अवश्‍य करना चाहिए।

श्रीकृष्ण के मंत्रश्रीकृष्ण के मंत्र –

पहला मंत्र

अगर आपका पैसा कहीं अटका हुआ है तो उसे वापिस लाने के लिए ‘कृं कृष्‍णाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के शुभ प्रभाव से आपका रुका हुआ धन शीघ्र ही वापिस आएगा। इस मंत्र का जाप सुबह स्‍नान के पश्‍चात् करना उत्तम रहता है।

दूसरा मंत्र

जो भी व्‍यक्‍ति करोड़पति बनने का सपना देखता है उसे श्रीकृष्‍ण के सप्‍तदशाक्षर महामंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है – ‘ऊं श्रीं नम: श्रीकृष्‍णाय परिपूर्णतमाय स्‍वाहा:’। अन्‍य मंत्र 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं किंतु इस मंत्र का जाप पांच लाख बार करना होता है।

तीसरा मंत्र

अपार धन की प्राप्‍ति के लिए आपको ‘गोवल्‍लभाय स्‍वाहा:’ मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि इस मंत्र को सही से उच्‍चारित न किया जाए तो इसका पूरा फल प्राप्‍त नहीं हो पाता है। इस मंत्र का जाप एक लाख होने के बाद आपको धन की प्राप्‍ति होने लगती है। दिन के किसी भी समय में आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

चौथा मंत्र

मनोकामना की पूर्ति हेतु ‘गोकुल नाथाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से सभी तरह की इच्‍छाओं की पूर्ति होती है।

पांचवा मंत्र

अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति सुधारना चाहते हैं तो आपको ‘क्‍लीं ग्‍लौं क्‍लीं श्‍यामलांगाय नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्‍ति होती है।

छठा मंत्र

अगर आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो अपने मार्ग में आ रही सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए आप ‘ऊं नमो भगवते श्रीगोविन्‍दाय’ का जाप करें। सुबह के समय स्‍नान के पश्‍चात् 108 बार इस मंत्र का जाप करना फलदायी होता है।

सातवां मंत्र

यदि कोई साधक अपनी आवाज़ खो चुका है तो उसे श्रीकृष्‍ण के इस चमत्‍कारिक मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है – ‘ऐं क्‍लीं कृष्‍णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्‍लभाय स्‍वाहा: ह्रसो’। यह मंत्र वाणी का वरदान प्रदान करता है।

आठवां मंत्र

धन से संबंधित या अन्‍य किसी भी तरह की बाधा को दूर करने के लिए ‘ऊं श्रीं ह्रीं क्‍लीं श्रीकृष्‍णाय गोविंदाय गोपीजन वल्‍लभाय श्रीं श्रीं श्रीं’ मंत्र का जाप करें। नियमित इस मंत्र का जाप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

नौवां मंत्र

समस्‍त प्रकार की विद्याओं की प्राप्‍ति के लिए आपको श्रीकृष्‍ण के ‘ऊं कृष्‍ण कृष्‍ण महाकृष्‍ण सर्वज्ञ त्‍वं प्रसीद में’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए। ये मंत्र गोपनीय रखा जाना चाहिए।

दसवां मंत्र

स्‍थाया लक्ष्‍मी की प्राप्‍ति के लिए आपको ‘लीलादंड गोपीजनसंसक्‍तदोर्दण्‍ड बालरूप मेघश्‍याम भगवन विष्‍णो स्‍वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र की जाप संख्‍या एक लाख होनी चाहिए। जिन लोगों के पास पैसा आता तो है लेकिन टिकता नहीं है उन्‍हें इस मंत्र का जाप अवश्‍य करना चाहिए।

ये है श्रीकृष्ण के मंत्र – इन मंत्रों में चमत्‍कारिक शक्‍ति होती है किंतु मंत्र जाप करते समय इसके शब्‍दों का सही उच्‍चारण करना बहुत जरूरी होता है। मंत्र जाप कम से कम 108 बार अवश्‍य किया जाना चाहिए।

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  • Prajay Maroo

    Chori kiya hua content h pura ka pura saala site khol lete h Or copy paste krte h kuch khud ka bhi banao.