चार धाम की यात्रा

चार धाम की यात्रा में आते हैं ये 4 पड़ाव

हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा को सर्वोपरि माना गया है।

मान्‍यता है की चार धाम की यात्रा करने से निश्चित ही मोक्ष की प्राप्‍ति होती है। चार धाम की यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल है। इन सभी पवित्र स्‍थानों से कोई न कोई पौराणिक कथा अवश्‍य जुड़ी हुई है।

आज हम आपको चार धाम यात्रा से जुड़ी कुछ महत्‍वपूर्ण बातों के बारे में बताते हैं।

1 – हरिद्वार से शुरु होती है यात्रा

चारधाम की यात्रा हरि के द्वार यानि हरिद्वार से आरंभ होती है। हरिद्वार से जानकी चट्टी की दूरी 259 किमी है। यहां से चारधाम का पहला धाम यमुनोत्री 6 किमी की दूरी पर है। यमुनोत्री में आप दर्शन के साथ-साथ हिमपात का आनंद भी ले सकते हैं। यमुनोत्री में एक गर्म कुंड भी है जहां भक्‍त स्‍नान कर गंगोत्री धाम के दर्शन करते हैं।

2 – गंगोत्री

यमुनोत्री से 228 किमी की दूरी पर है गंगोत्री धाम। गंगोत्री की ऊंचाई 10300 फीट है। गंगोत्री के पूर्व गंगनानी में गर्म पानी का पाराशर कुंड है। यहां स्‍नान करने के बाद ही गंगोत्री धाम के दर्शन किए जाते हैं। दर्शन के पश्‍चात् यहीं से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरु होती है।

3 – केदारनाथ धाम

भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ, यमुनोत्री से 463 किमी दूरी पर है। केदारनाथ का प्राकृतिक सौंदर्य श्रद्धालुओं के मन को मोह लेता है। केदारनाथ की भूमि पर पैर रखते ही आनंद और आस्‍था की अनुभूति होती है। इस तीर्थस्‍थल की चढ़ाई 3528 मीटर है। भगवान शिव के भक्‍तों के लिए ये तीर्थस्‍थल मोक्ष प्रदायिनी है।

4 – बद्रीनाथ

केदारनाथ के दर्शन के बाद भक्‍तों को गौरी कुंड में रूकना पड़ता है और यहीं से चार धाम के आखिरी पड़ाव यानि बद्रीनाथ की यात्रा आरंभ होती है। गौरीकुंड से बद्रीनाथ मंदिर 229 किमी दूर है। केद्रारनाथ से ब्रदीनाथ रुद्रप्रयाग और उखीमठ के मार्ग से जाया जा सकता है। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्‍णु की आराधना होती है। कहा जाता है कि पांडव पुत्र युधिष्ठिर को भी इसी स्‍थान पर मोक्ष की प्राप्‍ति हुई थी। ब्रदीनाथ में आप तप्‍त कुंड, पंचशिला, ब्रह्माकपाल, वासुधार, माता मूर्ति, शेषनेत्र और चरणपादुका आदि के दर्शन कर सकते हैं।

चार धाम की यात्रा से पहले इन बातों का रखें ध्‍यान

– यात्रा के समय अपने साथ स्‍वच्‍छ जल अवश्‍य रखें।

– यात्रा में बहुत ठंड पड़ती है इसलिए अपने साथ गर्म वस्‍त्र, कम्‍बल, बरसाती आदि आवश्‍य वस्‍तुएं ले जाना न भूलें।

– ठंडे मौसम में बीमारियां भी आसानी से घेरती हैं इसलिए अपने साथ उचित दवाएं लेकर चलें।

हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा का बहुत महत्‍व है। कहते हैं कि जिस व्‍यक्‍ति ने चारधाम के दर्शन कर लिए उसे जीवन-मरण के बंधन से मुक्‍ति मिल जाती है। सनातम धर्म में चार धाम की यात्रा को सर्वोपरि और पवित्र माना गया है। कहा जाता है कि इन स्‍थानों पर स्‍वयं ईश्‍वर वास करते हैं। अगर आप भी स्‍वयं ईश्‍वर की अनुभूति का अहसास करना चाहते हैं तो आपको चारधाम की यात्रा अवश्‍य करनी चाहिए। चार धाम की यात्रा से हर श्रद्धालु का मन आस्‍था से भर जाता है।

 

Share this post