सुबह उठते ही

सुबह उठते ही इस मंत्र का जाप करने से दूर होगी आपकी हर मुश्किल !

शास्‍त्रों में सुबह उठकर कुछ विशेष कार्य करने के बारे में बताया गया है।

शास्‍त्रों के अनुसार कुछ ऐसी बातें बताई गईं हैं जिनका पालन करने से व्‍यक्‍ति को सुख और समृद्धि की प्राप्‍ति होती है।

मान्‍यता है कि सबुह उठते ही इन कार्यों को करने से व्‍यक्‍ति को कभी धन की कमी नहीं होती है और उसका पूरा जीवन सुख से परिपूर्ण रहता है।

– वैदिक शास्‍त्र के अनुसार शयनकक्ष में भगवान की तस्‍वीर लगानी चाहिए।

ऐसा करने से सुबह उठते ही आपकी नज़र भगवान के चित्र पर पड़ती है। इसे बेहद शुभ माना जाता है।

– इसके अलावा सुबह उठकर अपनी हथेली को देखना भी अच्‍छा माना जाता है। सुबह उठते ही सबसे पहले हथेली देखने से भाग्‍य में वृद्धि होती है। कहते हैं कि ऐसा करने से शरीर में सकारात्‍मक ऊर्जा आती है। साथ ही हथेली देखते समय आपको एक मंत्र का उच्‍चारण करने से भी फायदा होगा। इस मंत्र के उच्‍चारण से आपका पूरा दिन शुभ और मंगलकारी बीतेगा।

जब आप सुबह उठते ही अपनी हथेली देखें तो इस मंत्र का जाप करें -:

‘कराग्रे वसति लक्ष्‍मी: कर मध्‍ये सरस्‍वती’।

इस मंत्र का अर्थ है -: हथेलियों के अग्रभाग में देवी लक्ष्‍मी, मध्‍य में विद्या की देवी सरस्‍वती और मूल भाग में ब्रह्मा जी का वास होता है। मैं अपनी हथेलियों में इनका दर्शन करता हूं।

ध्‍यान रखें ये बात

इस मंत्र का जाप करते समय अपनी नज़रें सिर्फ अपनी हथेलियों पर ही रखें। मंत्र का जाप पूर्ण करने के पश्‍चात् हथेलियों का स्‍पर्श अपने चेहरे पर करें। ऐसा करने से आपको सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और आपका पूरा दिन शुभ रहता है। इस मंत्र के शुभ प्रभाव से आपके अंदर सकारात्‍मक ऊर्जा भी आती है।

इसके अलावा मान्‍यता है कि मनुष्‍य के हाथों में तीर्थ भी होते हैं जैसे चारों अंगुलियों के अग्र भाग में वतीर्थ, तर्जनी अंगुली के मूल भाग में पितृ तीर्थ, कनिष्‍ठा में प्रजापति तीर्थ और अंगूठे के मूल भाग में ब्रह्मा तीर्थ होता है। दाहिने हाथ के बीच में अग्नि तीर्थ और बाएं हाथ के बीच में सोमतीर्थ समाया है। हिंदू धर्म में तीर्थों के दर्शन को अत्‍यंत शुभ माना जाता है इसलिए सबुह उठते ही हथेलियों के दर्शन करने से सारे तीर्थों का पुण्‍य एकसाथ मिल जाता है।

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